नई दिल्ली। कोविड-19 का मुकाबला करने के राष्ट्रीय प्रयासों की मदद करते हुए भारतीय रेलवे ने इनके पीछे अपनी सारी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। अल्प समय में ही इसने 2500 कोचों को परिवर्तित करने में सक्षम होकर 5000 कोचों के प्रारंभिक कार्य को पूरा कर लिया है। लॉकडाउन के समय में, जब मानव संसाधन सीमित होते हैं और उन्हें तर्कसंगत बनाया जाता है और उन्हें अलग अलग कामों में बारी बारी से लगाया जाता है। रेलवे ने विभिन्न क्षेत्रों में इतने कम समय में इतने सारे परिवर्तनों का एक असंभव कार्य कर दिखाया है। लगभग 2500 डिब्बों के परिवर्तन के साथ, 40000 आइसोलेशन बिस्तर अब किसी भी आकस्मिकता के लिए तैयार हैं।
एक बार प्रोटोटाइप को मंजूरी मिल जाने के साथ ही जोनल रेलवे द्वारा परिवर्तन की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी गई। भारतीय रेलवे द्वारा एक दिन में औसतन 375 कोच बदले जा रहे हैं। यह कार्य देश के 133 स्थानों पर किया जा रहा है। ये कोच जारी किए गए चिकित्सा परामर्श के अनुसार सुसज्जित हैं। आवश्यकताओं और मानदंडों के अनुसार सर्वोत्तम संभव प्रवास और चिकित्सा पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। ध्यान दिये जाने की बात यह है कि इन आइसोलेशन कोचों को केवल एक आकस्मिकता के रूप में और कोविड-19 से लड़ने में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों के पूरक के रूप में तैयार किये जा रहे हैं।